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rajdeep kumar 29 days ago

महीने के 50-60 हजार कमाने वाली रुबिका लियाकत के पास इतनी बड़ी हवेली का पैसा कहाँ से आया?

भारतीय पत्रकारिता के क्षेत्र में रुबिका लियाकत एक जाना-पहचाना नाम हैं। अपनी बेबाक अंदाज़ और प्रभावशाली एंकरिंग के लिए मशहूर रुबिका ने हाल ही में सुर्खियाँ बटोरीं, लेकिन इस बार खबर उनकी पत्रकारिता से नहीं, बल्कि उनकी आलीशान हवेली से जुड़ी है। सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीरों और वीडियो में उनकी शानदार कोठी देखकर लोग हैरान हैं। सवाल उठ रहा है कि अगर एक आम न्यूज़ एंकर की मासिक आय 50,000 से 60,000 रुपये के बीच है, तो इतनी बड़ी हवेली खरीदने का पैसा उनके पास कहाँ से आया? आइए, इस सवाल के जवाब को तलाशने की कोशिश करते हैं।

रुबिका लियाकत: एक संक्षिप्त परिचय

रुबिका लियाकत का जन्म 18 अप्रैल, 1983 को राजस्थान के उदयपुर में हुआ था। उन्होंने मुंबई विश्वविद्यालय से मास मीडिया में डिग्री हासिल की और 2003 में पत्रकारिता की दुनिया में कदम रखा। लाइव इंडिया, न्यूज़ 24, और ज़ी न्यूज़ जैसे चैनलों के बाद वह अब ABP न्यूज़ से जुड़ी हैं, जहाँ वह "मास्टरस्ट्रोक" जैसे लोकप्रिय शो की एंकर हैं। उनकी मेहनत और प्रतिभा ने उन्हें भारत के शीर्ष न्यूज़ एंकर्स में से एक बना दिया है। लेकिन उनकी संपत्ति को लेकर उठ रहे सवाल उनकी इस मेहनत पर भी चर्चा का विषय बन गए हैं।

क्या वाकई 50-60 हजार है उनकी कमाई?

सबसे पहले यह समझना ज़रूरी है कि क्या रुबिका लियाकत की मासिक आय वास्तव में 50,000-60,000 रुपये है। यह आँकड़ा सोशल मीडिया पर आम चर्चा का हिस्सा हो सकता है, लेकिन टॉप न्यूज़ एंकर्स की कमाई इससे कहीं ज़्यादा होती है। कुछ ऑनलाइन रिपोर्ट्स के अनुसार, रुबिका की सालाना आय 2 से 5 करोड़ रुपये के बीच हो सकती है। एक दशक से ज़्यादा के करियर में, जिसमें उन्होंने बड़े चैनलों के साथ काम किया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसे हाई-प्रोफाइल व्यक्तियों के साक्षात्कार लिए, उनकी आय इस स्तर पर पहुँचना असंभव नहीं लगता। अगर उनकी मासिक आय औसतन 20-40 लाख रुपये भी मान लें, तो सालाना यह राशि 2.4 से 4.8 करोड़ रुपये होती है।

हवेली की कीमत: अनुमान और अटकलें

रुबिका की हवेली की सटीक कीमत की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन सोशल मीडिया पोस्ट्स में इसके मूल्य को 50 करोड़ से लेकर 200 करोड़ रुपये तक अनुमानित किया गया है। यह एक भव्य संपत्ति है, जिसमें आधुनिक सुविधाएँ, विशाल लॉन, और शानदार इंटीरियर दिखाई देते हैं। ऐसी संपत्ति दिल्ली-एनसीआर जैसे महँगे इलाकों में हो सकती है, जहाँ रियल एस्टेट की कीमतें आसमान छूती हैं। लेकिन सवाल यह है कि क्या यह राशि उनकी कमाई से संभव है?

संभावित जवाब: आय के स्रोत

  1. लंबे करियर की बचत: रुबिका पिछले 20 साल से पत्रकारिता में सक्रिय हैं। अगर उन्होंने अपनी कमाई का एक हिस्सा निवेश किया—चाहे वह रियल एस्टेट, म्यूचुअल फंड्स, या अन्य वित्तीय साधनों में हो—तो यह राशि समय के साथ बढ़ सकती थी। उदाहरण के लिए, 10 साल तक 2 करोड़ सालाना कमाई का 50% भी बचाया जाए, तो 100 करोड़ रुपये तक की पूँजी बन सकती है।

  2. पति की आय: रुबिका के पति नवेद कुरैशी भी एक पत्रकार और एंकर हैं। उनकी संयुक्त आय इस संपत्ति को खरीदने में योगदान दे सकती है। अगर दोनों की कमाई मिलाकर 3-6 करोड़ रुपये सालाना हो, तो यह आर्थिक स्थिति और मज़बूत होती है।
  3. अतिरिक्त आय के साधन: टॉप एंकर्स अक्सर विज्ञापनों, इवेंट्स, या गेस्ट अपीयरेंस से भी कमाई करते हैं। रुबिका की लोकप्रियता को देखते हुए यह संभव है कि उनकी आय सिर्फ़ सैलरी तक सीमित न हो।
  4. लोन या निवेश: बड़ी संपत्ति खरीदने के लिए बैंक लोन एक आम रास्ता है। अगर रुबिका और उनके पति ने हवेली का कुछ हिस्सा लोन पर लिया हो, तो उनकी मौजूदा आय से EMI चुकाना संभव हो सकता है। इसके अलावा, पुरानी संपत्तियों को बेचकर भी नई संपत्ति में निवेश किया जा सकता है।

क्या कोई विवाद है?

कुछ लोगों का मानना है कि इतनी बड़ी संपत्ति ईमानदारी की कमाई से नहीं बन सकती। सोशल मीडिया पर उनकी हवेली को "दलाली" से जोड़ा जा रहा है, लेकिन इसके पीछे कोई ठोस सबूत नहीं है। रुबिका के खिलाफ अभी तक कोई वित्तीय घोटाले या भ्रष्टाचार का आरोप सामने नहीं आया है। फिर भी, यह सवाल जनता के मन में बना हुआ है कि क्या उनकी आय और संपत्ति के बीच कोई असंगति है।

निष्कर्ष

रुबिका लियाकत की हवेली निश्चित रूप से चर्चा का विषय है। अगर उनकी आय वास्तव में 50-60 हजार रुपये मासिक होती, तो इतनी बड़ी संपत्ति खरीदना असंभव था। लेकिन एक टॉप एंकर के रूप में उनकी संभावित कमाई, लंबे करियर की बचत, और अन्य आय के स्रोतों को देखते हुए यह संभव लगता है कि यह हवेली उनकी मेहनत का नतीजा हो सकती है। फिर भी, पारदर्शिता की कमी के कारण लोगों के मन में संदेह बना हुआ है। क्या यह संपत्ति उनकी ईमानदारी और मेहनत की मिसाल है, या इसके पीछे कोई और कहानी है? इसका जवाब शायद समय या कोई आधिकारिक खुलासा ही दे सकता है।

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